हार्मोनल असंतुलन के कारण क्या आप भी पीसीओडी और पीसीओएस जैसी समस्याओ से परेशान है ? ज्यादातर मामलों में पीसीओडी वाली महिलाएं अपने अंडाशय में छोटे सिस्ट विकसित करती है। जिसके कारण उन्हें कई समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम PCOD/PCOS के लक्षणों और उसके उपचार को जानेंगे।
Symptoms of PCOD/PCOS in Hindi (PCOD/PCOS के लक्षण)
1) वजन बढ़ना ( Weight Gain)
2) माहमारी अनियमित होना (Irregular Periods)
3) मुंहासे और डैंड्रफ (Pimple and Dandruff)
4) स्किन का ऑयली होना (Oily Skin)
5) बालों का झड़ना (Hair Fall)
6) पेल्विक पेन होना (Pelvic Pain)
7) शरीर पर या चेहरे पर बाल आना( Unwanted Hairs on Face)
8) निःसंतानता (Infertility)
9) मेटाबोलिक विकार (Metabolic Disorders)
10) दूसरे हार्मोन्स में असंतुलन (Imbalance in Other Hormones)
11) मूड का बदलते रहना (Mood Swing)
12) थकान (Tiredness)
उपरी लक्षणों को नजर-अंदाज न करें और फौरन विशेषज्ञ से परामर्श करें| पीसीओडी का संदेह होने पर विशेषज्ञ आपको सोनोग्राफी की सलाह देंगे| जरूरत पड़ने पर ब्लड टैस्ट और कुछ हार्मोनल जांचें भी कराई जा सकती हैं| रिपोर्ट के आधार पर पीसीओडी की पुष्टि होती है और इलाज शुरू किया जाता है|
7 Easy PCOD Problem Treatments In Hindi (पीसीओएस / पीसीओडी के घरेलू उपाय)
1) सेब का सिरका (Apple Vinegar):
सेब का सिरका सबसे फायदेमंद है। ये ब्लड शुगर को Balanced रखता है जिसकी वजह से इंसुलिन काम बनता है और हार्मोनल असंतुलन भी नहीं होता। Weight Loss में भी ये मदद करता है। इससे आपको विटामिन सी की भरपूर मात्रा मिलती है। डॉक्टर की सलाह के बाद एक या दो चम्मच सिरका सुबह उठकर खाली पेट में पी सकते हैं। सेब के सिरके का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। अगर आपको कोई समस्या है, तो आपको इसके सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए या गर्भावस्था में भी सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
2) दालचीनी (Cinnamon):
दालचीनी अनियमित पीरियड्स से जुडी परेशानियों को दूर करने में मदद करती है। इसकी पाउडर गरम पानी में मिलाकर ले सकते है या आप चाहे तो इसे चाय, दही या ओटमील में मिलकर खा सकते है।
3) पुदीने की चाय (Mint Tea) :
आपने पुदीने का उपयोग चटनी, शरबत या रायते के रूप में किया होगा लेकिन पुदीने की चाय का Use टेस्ट बढाने के साथ कई बेहतरीन फायदों के लिए किया जाता है। ये चाय Anti Androgen का काम करती है। ये PCOD के स्थिति में राहत देने में मदद करती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए पहले पुदीने की पत्तियों को अच्छी तरह से साफ करके पानी में उबाले और फिर उसे छानकर पिए।
4) अलसी के बीज (Flax Seeds):
अलसी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। पिसी हुई अलसी यानी अलसी के पाउडर में फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड और जरूरी अमीनो एसिड प्रचुरता में पाए जाते हैं। अलसी पौधों से प्राप्त एस्ट्रोजन यानी लिगनेन से भरपूर होती है। एक चिकित्सकीय अध्ययन में पाया गया कि रोज अलसी का सेवन करने से पीसीओएस के मरीजों में 89 फीसदी तक टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम किया जा सकता है। आप अलसी के बीजों को पीसकर उसका पाउडर बना लें और रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच अलसी के पाउडर का सेवन करें। आप सलाद या सूप पर भी अलसी का पाउडर बुरक कर खा सकते है।
5) मेथी के दाने (Fenugreek seeds):
मेथी कुछ गंभीर बीमारियों के तकलीफ को कम करने की क्षमता रखती है| जर्नल ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (Journal of Medical Sciences) में छपी एक स्टडी में बताया गया कि मेथी के दाने गर्भाशय के अल्सर (Ovarian Cyst) को ठीक करने के साथ PCOS के लक्षण मानी जानेवाली तकलीफों में भी आराम दिलाता है। मेथी को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह छानकर उसका पानी पी जाएं।
6) मुलेठी (Mulethi):
मुलेठी की जड़ टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करती है। एक चम्मच मुलेठी के चूर्ण को एक कप पानी में डालकर उबाल लें। इसका सेवन करने से PCOD की समस्या से निजात पाई जा सकती है।
7) तुलसी (Basil):
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी ना सिर्फ इम्यूनिटी मजबूत करती है बल्कि कई बीमारियों का उपचार भी करती है। तुलसी में एंटी-एन्ड्रोजेनिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करते है। एक पैन में 8–10 तुलसी की पत्तियों को डालकर काढ़ा बना लें और उसका सेवन करें।